बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि यह राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रगान का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन जब खुद राज्य का मुख्यमंत्री इस मर्यादा को तोड़ता नजर आए, तो सवाल उठना लाज़मी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि यह राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रगान का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन जब खुद राज्य का मुख्यमंत्री इस मर्यादा को तोड़ता नजर आए, तो सवाल उठना लाज़मी है। एक वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रगान के दौरान बातचीत करते और ताली बजाते दिख रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष ने उन पर जोरदार हमला बोला है और इसे देश का अपमान बताया है।
राष्ट्रगान का अपमान और सजा का प्रावधान
भारतीय कानून के अनुसार, राष्ट्रगान का अपमान करना एक दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 3 (प्रिवेंशन ऑफ इन्सल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971) के तहत, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री के इस कृत्य पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी या यह मामला सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रह जाएगा?
विपक्ष का हमला और इस्तीफे की मांग
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत कई विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया है। राजद के विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने न सिर्फ राष्ट्रगान का अपमान किया है, बल्कि पूरे देश का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जब एक मुख्यमंत्री ही राष्ट्रगान के दौरान अनुशासन नहीं रख सकता, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जाए? उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री का मेडिकल टेस्ट कराया जाए और उनकी सेहत की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
विपक्ष ने साफ कहा है कि जब तक नीतीश कुमार इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। राजद के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री की यह हरकत यह साबित करती है कि वे अब थक चुके हैं और उन्हें अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
सोशल मीडिया पर गुस्सा और जनता की राय
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे एक गंभीर गलती मान रहे हैं और मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे छोटी गलती बताकर नजरअंदाज करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन राष्ट्रगान का सम्मान हर भारतीय की जिम्मेदारी है और जब कोई बड़ा नेता इसका पालन नहीं करता, तो जनता का गुस्सा फूटना स्वाभाविक है।
क्या मुख्यमंत्री देंगे सफाई?
अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे? क्या वे इसे गलती मानकर माफी मांगेंगे या फिर इसे विपक्ष की साजिश बताकर पलटवार करेंगे? फिलहाल, जदयू और भाजपा के नेता इस मुद्दे पर सफाई देने में लगे हैं, लेकिन जनता को अब मुख्यमंत्री के बयान का इंतजार है।
यह मामला सिर्फ एक राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि देश की अस्मिता से जुड़ा सवाल है। राष्ट्रगान का सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य है, चाहे वह आम आदमी हो या मुख्यमंत्री। देखना होगा कि इस पूरे विवाद का क्या नतीजा निकलता है और क्या नीतीश कुमार पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी या नहीं।