समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने कहा कि रामजी लाल सुमन जी के घर पर हमला सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित हैं। यह घटना बहुत ही निंदनीय और दुखद है। समाज में आज भी जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है, जो हमारे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। जब एक सम्मानित व्यक्ति के साथ इस तरह का अन्याय हो सकता है, तो आम लोगों की सुरक्षा का क्या होगा?
दलित नेता पर हमला क्यों?
रामजी लाल सुमन जी एक वरिष्ठ समाजवादी नेता हैं और उन्होंने हमेशा गरीब, पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है। उनकी ईमानदारी और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण के कारण उन्हें हमेशा जनता का समर्थन मिला है। लेकिन कुछ ताकतें ऐसी हैं जो नहीं चाहतीं कि दलित और पिछड़े लोग आगे बढ़ें। इसलिए उनके घर पर हमला किया गया। यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे दलित समाज पर हमला है।
सरकार की जिम्मेदारी
अखिलेश यादव जी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे मामलों में तुरंत सख्त कार्रवाई करे। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे मामलों में अक्सर चुप्पी साध लेती है। अगर सरकार चुप रहती है, तो इसका मतलब यही है कि वह अपराधियों को बढ़ावा दे रही है। दलितों, पिछड़ों और कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने की जगह सरकार उन्हें असुरक्षित छोड़ रही है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ते अत्याचार
उत्तर प्रदेश में कमजोर वर्गों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दलितों पर हमले, उनके अधिकारों का हनन और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता चिंता का विषय है। अगर किसी बड़े दलित नेता के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम दलितों और गरीबों की स्थिति कितनी भयावह होगी। यह घटना यह साबित करती है कि अभी भी समाज में जातिगत भेदभाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
समाजवादी पार्टी हमेशा न्याय के पक्ष में
अखिलेश यादव जी ने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि इस तरह के मामलों के खिलाफ आवाज उठाएं और समाज में भाईचारा और समानता बनाए रखने के लिए एकजुट हों।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो
इस हमले के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक इस तरह की घटनाएं बार-बार होती रहेंगी। रामजी लाल सुमन जी पर हमला सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है। यह घटना यह साबित करती है कि दलित समाज को अभी भी बराबरी का हक नहीं मिला है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के सपनों का भारत बनाने के लिए ऐसे अत्याचारों के खिलाफ कड़ा कदम उठाना जरूरी है। समाज को आगे बढ़ाने के लिए हर नागरिक को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
