बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दसवें दिन विपक्षी दलों ने जबरदस्त हंगामा किया और विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और नीतीश कुमार की सरकार अब सुशासन देने में नाकाम हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन

राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सहित कई विपक्षी दलों के विधायक बिहार विधानसभा के बाहर इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार और अराजकता बढ़ गई है। विरोध कर रहे विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है और आम जनता परेशान हो चुकी है। राजद के विधायक रणविजय साहू ने कहा कि बिहार में हर दिन अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार इसे रोकने में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अब राज्य को संभाल नहीं पा रहे हैं, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन की मांग
विपक्षी दलों ने बिहार के राज्यपाल से मांग की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। रणविजय साहू ने कहा कि जब सरकार जनता को सुरक्षा और सुविधाएं देने में नाकाम हो जाती है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ कागजी योजनाएं बना रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
नीतीश सरकार पर विपक्ष के सवाल
विपक्ष का कहना है कि जब से नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर नई सरकार बनाई है, तब से बिहार की स्थिति और खराब हो गई है। उनकी नीतियां न तो कानून-व्यवस्था को सुधार पा रही हैं और न ही युवाओं और किसानों को राहत दे पा रही हैं। बिहार में हाल के दिनों में कई आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनता में भी डर का माहौल बना हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार सिर्फ सत्ता बचाने में लगी है और जनता की समस्याओं से उसका कोई लेना-देना नहीं है।