जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आइसा डीएसएफ के गठबन्धन से अध्यक्ष पद पर आइसा के नीतीश कुमार को जीत हासिल हुई है। वहीं उपाध्यक्ष और महासचिव का पद भी आइसा डीएसएफ के यूनाइटेड लेफ्ट पैनल के खाते में गया है जबकि एबीवीपी ने संयुक्त सचिव के पद पर जीत हासिल किया है। उपाध्यक्ष पद मनीषा ने जीत हासिल किया है वहीं महासचिव पद पर आइसा डीएसएफ पैनल से मनीषा ने जीत हासिल किया है।

अध्यक्ष पद पर आइसा के नीतीश कुमार को 1702 वोट हासिल कर जीत प्राप्त की है। महासचिव पद पर मुनतेहा फातिमा को 1520 तथा उपाध्यक्ष पद पर मनीषा ने 1150 वोट हासिल कर के जीत हासिल की है। अध्यक्ष पद पर जीत का अंतर 272 वोटों का है, वही उपाध्यक्ष पद पर 32 वोटो का अंतर है, महासचिव पद पर 114 वोटो का अंतर है। वहीं संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी ने 85 वोटों से जीत हासिल की है।

वामपंथ के दबदबे वाले जेएनयू में इस बार वामपंथी संगठनों में बिखराव देखने को मिला। आइसा डीएसएफ एक तरफ चुनाव लड़ रहा था जिसने अपने गठबंधन को यूनाइटेड लेफ्ट का नाम दिया था, वही एसएफआई एआईएसएफ तथा बापसा ने अपने गठबंधन को लेफ्ट अंबेडकराइट नाम दिया था। हालंकि इस बार बापसा भी दो भागो में बंट गई थी।
शुरुआती रुझानों में एबीवीपी का पलड़ा भारी लग रहा था। लगभग सभी सीटों पर एबीवीपी के प्रत्याशी आगे चल रहे थें । हालांकि अंतिम समय में आइसा ने बाजी पलट दी और तीन पैनल पर जीत हासिल कर लिया। इस बार के छात्र संघ चुनाव में मुकाबला बहुत कड़ा रहा है। कई सीटों पर बहुत कम वोट के अंतर से जीत हासिल की गई है। आज जब भाजपा देश में प्रचंड बहुमत में है और आरएसएस मजबूत है तब भी एबीवीपी का जेएनयू छात्र संघ में नहीं जीतना आरएसएस की हार से ज्यादा वामपंथ की जीत है।