बिहार की सियासत में मुस्लिम वोट की महत्ता!
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वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के दोनों सदनों से पास होने के बाद से बिहार की सियासत में उसके असर पर चर्चा तेज है। दरअसल, तीन C (Crime, Corruption and Communalism) से कभी समझौता न करने का दावा करने वाले बिहार के मुखिया नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने दोनों सदन में वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में मतदान किया। विपक्ष का मानना है कि वक्फ संशोधन विधेयक, सुधार के लिए नहीं, बल्कि सांप्रदायिक राजनीति को हवा देने के लिए लाया गया है। अधिकांश मुस्लिम संगठन भी इस संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। वहीं, जदयू का मजबूती से मत है कि इस संशोधन विधेयक से पसमांदा व गरीब मुसलमानों को लाभ होगा।
इसी वर्ष बिहार में चुनाव होने हैं। यह भी एक हकीकत है कि खास क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मुसलमानों का वोट जदयू को मिलता रहा है। अगर कहीं वोट न भी पड़े तो मुसलमानों में जदयू के साथ भाजपा की सरकार होने से कभी बेचैनी नहीं रही। नीतीश कुमार के होने भर से मुस्लिमों का वोटिंग पैटर्न आक्रामक रूप से एंटी बीजेपी नहीं होता। अधिकांश मत राजद-कांग्रेस के पक्ष में जाते रहे हैं, लेकिन अच्छी संख्या में जदयू को भी वोट मिलता है। क्या 2025 में वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन का खामियाजा जदयू को भुगतना होगा? क्योंकि, वोटिंग के मामले में भारत का सबसे प्रगतिशील तबका मुसलमानों का है। अगर उन्होंने यह तय कर लिया कि फलां को वोट नहीं करना है, तो बहुत ज्यादा डेविएशन कम ही नजर आता। इसका मतलब है कि राजद और कांग्रेस के पक्ष में 2025 में मुसलमानों की अग्रेशिव वोटिंग हो सकती है।
जदयू से परोक्ष रूप से जुड़े आनंद मोहन ने कहा कि जदयू ने 2020 में 11 मुस्लिमों को उम्मीदवारों को टिकट दिये, जिनमें से एक भी उम्मीदवार जीत न सके। इसके बावजूद बसपा से जीते ‘जमा खान’ को जदयू में शामिल करवा कर मंत्री बनाया गया। हालांकि, इन 11 सीटों में से अधिकांश पर जदयू की हार में लोजपा, पार्टी/गठबंधन के निर्दलीय/दलीय बागी की मुख्य भूमिका रही। एक नजर दौड़ा कर देखते हैं।
1. सिकटा :
खुर्शीद अहमद | JDU | 35798 वोट |
बिरेंद्र गुप्ता | CPIML | 49075 वोट (विजेता) |
दिलीप वर्मा | IND | 46773 |
2. शिवहर :
मो शर्फुद्दीन | JDU | 36457 वोट |
चेतन आनंद | RJD | 73143 वोट (विजेता) |
विजय पांडे | LJP | 18748 वोट |
3. अररिया :
शगुफ्ता अज़ीम | JDU | |
आबिदुर रहमान | INC | 103054 वोट (विजेता) |
सीएस सिंह | LJP | 8203 वोट |
4. ठाकुरगंज :
साद आलम | 79909 वोट (विजेता) | (RJD) |
मो नौशाद आलम | 22082 वोट | JDU |
गोपाल अग्रवाल | 56022 वोट | IND |
5. कोचाधामन :
मुजाहिद आलम (JDU) | 43750 वोट | |
मो इजहार अस्फी (AIMIM) | 79893 वोट (विजेता) | |
मो शाहिद आलम (RJD) | 26134 वोट |
6. अमौर :
सबा जफर (JDU) | 41944 वोट | |
अख्तरूल ईमान (AIMIM) | 94459 वोट (विजेता) | |
अब्दुल जलील (INC) | 31863 वोट |
7. दरभंगा ग्रामीण :
फराज़ फातमी (JDU) | 62788 वोट | |
ललित यादव (RJD) | ||
प्रदीप ठाकुर (LJP) | 17605 वोट |
8. कांटी :
मो जमाल (JDU) | 25891 वोट | |
मो इसरायल मंसूरी (RJD) | 64458 वोट (विजेता) | |
अजीत कुमार (IND) | 54144 वोट |
9. मरौढ़ा :
आफताब आलम (JDU) | 48427 वोट |
जितेंद्र राय (RJD) | 59812 वोट (विजेता) |
विनय कुमार (LJP) | 6550 वोट |
10. महुआ :
48977 वोट | |
मुकेश रौशन (RJD) | 62747 वोट (विजेता) |
संजय सिंह (LJP) | 25198 वोट |
11. डुमरांव :
अंजुम आरा (JDU) | 46905 वोट |
अजीत कुशवाहा (CPIML) | 71320 वोट (विजेता) |
अरविंद शाही (RLSP) | 11517 वोट |
इन परिणामों में पांच सीटों पर NDA के कोर वोटरों में बिखराव नहीं हुआ होता, तो जदयू उम्मीदवार को जीत मिल जाती। इसका मतलब है कि मुसलमानों का कुछ न कुछ वोट जदयू के मुस्लिम उम्मीदवारों को अवश्य मिला है। देखना दिलचस्प होगा कि इस दफा NDA के वोटरों की एकजुटता जमीन पर बनी रहती है या 2020 की तरह बिखराव होता है। क्योंकि, अगर मुस्लिम वोट (17.70%) पूरी तरह खिलाफ जाते हैं, तो मुश्किलें और बढ़ेंगी। इन सीटों पर चुनाव के परिणाम उसी बात पर निर्भर भी करेंगे।
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