NEET 2024 परीक्षा रद्द करने की मांग,आइसा का देश भर में प्रर्दशन,NTA पर  उठाए सवाल

न्यूज़इंक स्टॉफ, पटना 10 जून 2024

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी रिजल्ट 2024 के नतीजे 4 जून को जारी किये. नीट यूजी रिजल्ट में 67 कैंडिडेट्स ने 720 में से 720 अंक से रैंक 1 हासिल की है. इसके बाद से हंगामा मच गया है. नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग की जा रही है।

बिहार के सुपौल में प्रर्दशन करते आइसा कार्यकर्ता

डॉक्टर बनने का ख्वाब लिए NEET की परिक्षा की तैयारी कर रहे छात्र एक बार फिर ठगी के शिकार हो गए हैं। NEET के परीक्षा परिणाम में भारी धांधली सामने आई है।जिसको ले कर देश भर में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ( आइसा) ने 10 जून को देश भर में प्रदर्शन किया। दिल्ली में आइसा ने शिक्षा मंत्रालय के सामने प्रर्दशन किया

प्रदर्शन में शामिल छात्र

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ( आइसा ) की मांग

सभी परीक्षाओं को एनटीए को आउटसोर्स करना बंद हो। CUET-UG, CUET-PG, NET परीक्षा और अन्य सभी परीक्षाओं को NTA के माध्यम से आयोजित करना बंद हो। विश्वविद्यालयों को अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दिया जाए। NEET UG 2024 के लिए पुनः परीक्षा सुनिश्चित किया जाए।

क्या है मामला?

3 जून को फाइनल आंसर की जारी करने के बाद 4 जून को नीट का परिणाम जारी कर दिया गया।NTA ने 14 जून को परिणाम जारी करने के लिए तारीख का निर्धारण किया था। लेकिन उससे 10 दिन पहले ही रिजल्ट की घोषणा कर दी गई। जिसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर NTA ने ऐसा क्यों किया?

करीब 24 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी। 67 अभ्यर्थियों ने परफेक्ट स्कोर यानी 720 में 720 हासिल किया. सारे ही टॉपर घोषित हुए.67 टॉपर अभ्यर्थियों में से 44 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने ग्रेस मार्क्स के सहारे टॉप किया है। टॉपर अभ्यर्थियों में से 8 अभ्यर्थी एक ही परिक्षा केंद्र से हैं। कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें 718 और 719 मार्क्स आए हैं।

 अब एग्जाम में सही जवाब पर 4 नंबर मिलते हैं जबकि गलत जवाब देने पर एक नंबर काट लिया जाता है. अब छात्रों का कहना है कि किसी भी हालत में किसी को 718 या 719 मार्क्स नहीं आ सकते क्योंकि यह गणित के हिसाब से संभव ही नहीं है.

NEET 2024 पर पेपर लीक का भी लगा है आरोप

मई में सम्पन्न हुई NEET UG की परीक्षा में पेपर लीक को लेकर आरोप लगा था।परीक्षा में फर्जीवाड़ा गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ था। कटिहार जिले के दो परीक्षा केंद्रों से आठ फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था। इनमें 7 फर्जी परीक्षार्थी कोलासी स्थित नवोदय विद्यालय परीक्षा केंद्र से पकड़े गए थे। एक अन्य की गिरफ्तारी शहर के एक निजी विद्यालय में बनाए गए परीक्षा केंद्र से हुई थी। इसके तार पावापुरी मेडिकल कॉलेज से जुड़े हुए होने की आशंका जताई गई थी। राजस्थान में भी पेपर लीक होने के दावे किए गए थें।

आरोपों पर NTA का जवाब 

पेपर लीक और परीक्षा परिणाम में हुई धांधली को ले कर NTA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आरोपों से इंकार कर दिया।

718 या 719 नंबर आने पर उठते सवालों पर एजेंसी ने किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार करते हुए कहा कि परीक्षा सेंटर पर कुछ छात्रों को पूरा समय नहीं मिला था, जिसकी वजह से भी उनको ग्रेस मार्क मिला है. पेपर लीक के आरोपों को भी NTA ने खारिज कर दिया है।

हालांकि परिक्षा रद्द करने एवं धांधली की जांच की मांग को ले कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है।

सभी परीक्षाओं को NTA से मुक्त करने की मांग।

NTA के अनुसार लगभग 1,563 छात्रों को समय के नुकसान के बदले ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.

ग्रेस मार्क्स पर अभ्यर्थियों का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों को समय कम मिला उनको अतिरिक्त समय देना चाहिए न कि ग्रेस मार्क्स।

मोटी रकम लगा कर माता पिता बाल बच्चों को मेडिकल की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों में दाखिला कराते हैं। कई ऐसे पेरेंट्स हैं जो अपनी जमा पूंजी लगा कर बच्चों को तैयारी के लिए भेजते हैं। कुछ पेरेंट्स ऐसे हैं जो जमीन गिरवी रख के या बेच के भेजते हैं। कोटा जैसे शहरों में कोचिंग संस्थानों की मोटी फीस है। छात्रों को दो साल में 7- 8 लाख तक खर्च आ जाते हैं। यही कारण है कि असफल होने के बाद छात्रों के आत्महत्या की खबरें मिलती है। कोचिंग संस्थानों के भरोसे तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज के द्वार ऐसे ही गरीब और मध्यमवर्ग के छात्र छात्राओं के लिए बड़ी मुश्किल से खुलते हैं, इस तरह के धांधली इन छात्रों को और दूर करेगा।