बिहार की राजनीति में आज एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट में सात नए मंत्रियों को शामिल किया। ये सभी मंत्री भाजपा कोटे से हैं, और इनमें विभिन्न जिलों के विधायकों को जगह मिली है। कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सारावगी, जीवेश मिश्रा, सुनील कुमार और मोतीलाल प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह 26 फरवरी 2025 को 4 बजे से पटना स्थित राजभवन में हुआ, जहां इन नेताओं ने मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इस विस्तार के साथ ही राज्य में कई नई राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि ये सभी नए मंत्री विभिन्न समाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं।
नीतीश कैबिनेट में शामिल सात नए मंत्री और उनकी पहचान
विजय कुमार मंडल (सकटी, अररिया जिला)
विजय कुमार मंडल अररिया जिले की सकटी विधानसभा सीट से विधायक हैं।विजय कुमार मंडल को नीतीश कुमार के कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। उन्हें राज्य सरकार में सामाजिक कल्याण विभाग या पारंपरिक और पिछड़े वर्गों के विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिल सकते हैं.
जीवेश मिश्रा दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट से विधायक हैं।
उनका राजनीतिक सफर भी काफी उल्लेखनीय रहा है।जीवेश मिश्रा को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है।दरभंगा के जाले विधानसभा के विधायक जीवेश मिश्रा का जन्म 25 जुलाई 1973 में हुआ था। इनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1981 से 1998 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे। जीवेश मिश्रा भाजपा के 1998 से 2002 तक प्राथमिक सदस्य के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने 2002 से भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं।
.संजय सरावगी (दरभंगा, दरभंगा जिला)
संजय सरावगी दरभंगा जिले से विधायक हैं। वे एक प्रमुख व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। संजय सरावगी को वाणिज्य और उद्योग विभाग में जिम्मेदारी दी जा सकती है। वे एक व्यापारी नेता हैं।
मोतीलाल प्रसाद (रीगा, सीतामढ़ी जिला)
मोतीलाल प्रसाद सीतामढ़ी जिले की रीगा विधानसभा सीट से विधायक हैं।मोतीलाल प्रसाद को ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है।
राजू कुमार सिंह (साहेबगंज, मुजफ्फरपुर जिला)
राजू कुमार सिंह मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं।राजू कुमार सिंह को राजस्व और भूमि सुधार विभाग में जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, दबंग छवि के विधायक राजू सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट और हत्या के मामले सहित 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। यही नहीं उन पर दिल्ली के अपने फार्म हाउस में नए साल के जश्न के दौरान अर्चना गुप्ता नामक एक महिला आर्किटेक्ट की हत्या में भी शामिल होने का आरोप है।
डॉ. सुनील कुमार (बिहारशरीफ, नालंदा जिला)
डॉ. सुनील कुमार बिहारशरीफ विधानसभा से विधायक हैं। नालंदा जिले में बिजेपी के बड़े कुर्मी चेहरे में से एक हैं।
कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर, सारण जिला)
कृष्ण कुमार मंटू सारण जिले के अमनौर विधानसभा से विधायक हैं। कृष्ण कुमार मंटू हाल ही में कुर्मी एकता रैली को लेकर चर्चा में आए थे। पटना में उन्होंने कुर्मी जाति के लोगों को एकजुट करने का बड़ा कार्यक्रम किया था 2010 में अमनौर से कृष्ण कुमार जेडीयू के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए। 2015 में वे दोबारा चुनाव लड़े लेकिन बीजेपी के शत्रुध्न तिवारी से हार का सामना करना पड़ा। छपरा से सासंद राजीव प्रताप रूड़ी के करीबी माने जाते हैं।
नीतीश कैबिनेट के इन नए मंत्रियों में विविधतापूर्ण शिक्षा और अनुभव है। इनमें से कुछ मंत्री 10वीं और 12वीं पास हैं, तो कुछ के पास उच्च शिक्षा भी है। जैसे डॉ. सुनील कुमार के पास एमबीबीएस की डिग्री है, संजय सरावगी और जिबेश कुमार स्नातकोत्तर हैं, और राजू सिंह के पास पीएचडी की डिग्री है। ये सभी मंत्री राज्य की अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं, जो इसे और भी दिलचस्प बनाता है। आगामी विधानसभा को देखते हुए कैबिनेट विस्तार महत्वपूर्ण है और इसके माध्यम से अलग अलग जातियो की वोट साधने की कोशिश हुई है।