समस्तीपुरl टमाटर के सही दाम नहीं मिलने पर किसानों ने सड़क पर टमाटर फेंक कर प्रदर्शन किया।बता दें कि इन दिनों टमाटर का भाव बिल्कुल गिर गया है तथा 2 से 5 रूपए किलो के आसपास बाजार में इसकी कीमत पहुंच गई है। जिसको ले कर किसान नाराज थें और सड़क पर टमाटर फेंक के प्रर्दशन किया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव एवं किसान नेता ललन कुमार ने कहा कि महंगे बीज, खाद-खल्ली, पेस्टीसाइड खरीदकर टमाटर की खेती करते हैं। महंगा सिंचाई, तोड़ाई, ढ़ुलाई देकर मंडी तक टमाटर को पहुंचाते हैं लेकिन यहां न कीमत है और न ही बिक पाता है। एक-दो दिन इंतजार के बाद टमाटर फेंकना ही पड़ता है। मोतीपुर मंडी क्षेत्र उच्च क्वालिटी के टमाटर का हब माना जाता है लेकिन इस क्षेत्र में न टमाटर रखने वाला कोल्ड स्टोरेज है और न ही टमाटर, बंधा, फूलगोभी, बैंगन आधारित कैचप, साॅस, चटनी, अचार, चिप्स, भुजिया उद्योग ही है। बार-बार मांग करने के बाबजूद सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील है।

प्रर्दशन में शामिल एक और किसान सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि टमाटर, बंधा का कीमत नहीं मिलने एवं करीब दो महीने पहले भी फूलगोभी, बंधागोभी, बैंगन आदि की कीमत नहीं मिलने पर किसानों ने इसे फेंककर या फिर फसल लगी खेत जोतवाकर विरोध दर्ज किया था लेकिन सरकार असंवेदनशील बनी रही। उन्होंने कहा कि टमाटर किसान की बर्बादी के बारे में पत्र लिखकर अधिकारियों को अवगत कराने के बाबजूद कोई अधिकारी किसानों के खेतों का मुआयना कर किसानों से वार्ता तक नहीं किया जो इनके असंवेदनशीलता को दर्शाता है। फलत: किसानों को मजबूरी में टमाटर फेंकों आंदोलन करना पड़ रहा है।
एक एकड़ से अधिक टमाटर एवं बंधा की खेती करने वाले मोतीपुर के किसान ललन दास ने कहा कि 2 रुपये किलो भी नहीं बिक पा रहा है। महाजनी एवं केसीसी कर्ज लेकर खेती किए थे। अब कर्ज कैसे चुका पाएंगे। मोतीपुर दक्षिणबाड़ी टोला के किसान अनील सिंह एवं रंजीत सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अगली फसल लगाने की चिंता खाये जा रही है। हम किसानों को फसल क्षति मुआवजा, नि: शुल्क खाद, बीज, बिजली, पानी, कृषि यंत्र आदि मिले ताकि अगली फसल लगा सके।